गुरुवार, 2 अप्रैल 2009

आखिर भाजपा को वोट क्यों दें

इन मुद्दों पर बीजेपी की क्या राय है
(महासचिव और राष्ट्रीय चुनाव अभियान के इंचार्ज अरुण जेटली के साथ बातचीत पर आधारित)
.
सांप्रदायिक एकता:
दुनिया भर को अपनी चपेट में ले चुका इस्लामिक कट्टरपंथ हमारे यहां मुस्लिम समाज में फैले सामाजिक-आर्थिक पिछड़ेपन का फायदा उठा सकता है और यह कट्टरपंथ हिंदू समाज को भी प्रभावित कर सकता है जैसा की तथाकथित तौर पर मालेगांव में हुआ। अगर हम सांप्रदायिक सौहार्द और शांति को बनाए और बचाए नहीं रख सकेंगे तो भारत में क्या होगा ? बीजेपी देश के अल्पसंख्यक समुदाय से अपील करती है वह अल्पसंख्यक होने की मनोदशा से बाहर आएं और समान अधिकार व कर्तव्य के जरिए शक्तिशाली , समृद्ध राष्ट्र के निर्माण के लिए आगे आएं और मुख्य धारा में शामिल हों। कांग्रेस ने अपने फायदे के लिए अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के जरिए देश को बांटने की कोशिश की है। कांग्रेस की यह नीति अंग्रेजों की नीति से मिलती जुलती है। समाज को बांटने की इस मानसिकता ने देश की एकता , अखंडता और सौहार्द कायम करने में मुश्किलें पैदा की हैं। बीजेपी देश के अल्पसंख्यक समुदाय से चिंतन की अपील करती है: धोखेबाज़ी और समाज के एक बड़े हिस्से को आज़ादी के करीब 62 सालों बाद भी विकास से दूर रखने के बाद क्या कांग्रेस को आपसे समर्थन की उम्मीद करनी चाहिए ? बीजेपी न तो अल्पसंख्यकों-मुस्लिम या किसी अन्य के खिलाफ है और न ही किसी मजहब के। हम इस्लाम समते सभी धर्म और पंथों का आदर करते हैं। भारत सभी भारतवासियों का है। फिर चाहे वह किसी भी जाति , संप्रदाय या मजहब के हों। राष्ट्रवाद का हमारा सिद्धांत सभी को साथ लेकर चलने वाला है और यह किसी से भेदभाव नहीं करता है। देश के सभी तबकों का विकास , कल्याण और सुरक्षा एक-दूसरे पर निर्भर है। बीजेपी अल्पसंख्यकों की राजनीति के खिलाफ है। राजनीति में बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक जैसी चीजें नहीं होनी चाहिए और देश की बहुलता का इस्तेमाल वोट बैंक की राजनीति के लिए नहीं होना चाहिए। हमारा देश कोई मजहबी राष्ट्र नहीं है और यहां सभी मजहबों और पंथों की अपनी अलग पहचान है और उन्हें पूरी स्वतंत्रता है। देश की इसी विशेषता को सुरक्षित रखा जाना चाहिए और भाजपा का भी इस विषय में यही मत है।
अपराध:
बीजेपी समाज से अपराध को जड़ से खत्म करने की पक्षधर है। बीजेपी यह मानती है कि एक ईमानदार , समर्थ-सक्षम और परिणामोन्मुख सरकार इस तरह की कई समस्याओं का जवाब है , जो हमारे देश को घेरे हुए है। हम किस तरह के लोकतंत्र में रह रहे हैं , जहां सांसदों की खरीद-फरोख्त घोड़ों की तरह हो रही है। जुलाई , 2008 में यूपीए सरकार ने कैश फॉर वोट्स कांड में कुछ ऐसा ही किया था। भारतीय संदर्भ में गुड गवर्नेन्स का मतलब यह भी है कि आर्थिक विकास के जिन क्षेत्रों से अधिकतम भारतीय जुड़े हुए हैं , उन क्षेत्रों को प्राथमिकता देना। चूंकि कामकाजी लोगों का एक बडा़ वर्ग असंगठित क्षेत्र में काम कर रहा है। ऐसे में अगर हम उनपर ध्यान नहीं देंगे तो बहुत संभव है कि वह अपराध की ओर मुड़ जाएं।
मौत की सज़ा:
माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने मोहम्मद अफजल को संसद पर हमले मामले में मौत की सज़ा सुनाई। क्या अदालत के फैसले के बाद फांसी दिया जाना मुद्दे का सांप्रदायिकरण है ? क्या यह कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति नहीं है ? अब कांग्रेस अफजल को फांसी दिए जाने को मानव अधिकार के उल्लंघन का मामला बता रही है। बीजेपी को देश की न्याय प्रणाली में पूरी आस्था है और हम मौत की सज़ा को अपराध के मुताबिक तय करने के मुद्दे को अदालत के विवेक पर ही छोड़ते हैं।
.
अर्थव्यवस्था:
बीजेपी अर्थव्यवस्था पर जरूरत से ज़्यादा सरकारी नियंत्रण के खिलाफ है। लेकिन इसके साथ ही पार्टी अर्थव्यवस्था को सरकारी नियंत्रण से बिल्कुल बाहर रखने के भी खिलाफ है। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। हमारा मानना है कि जब तक गांव , गरीब और किसान की किस्मत नहीं बदलेगी तब तक भारत का भला नहीं होगा। इसलिए गांव , गरीब और किसान हमारी अर्थव्यवस्था की धुरी होने चाहिए। विश्व अर्थव्यवस्था का फोकस जिस तरह से पश्चिम से एशिया की तरफ हुआ है , बीजेपी को महसूस होता है कि अब हमारे देश में भी आर्थिक दृष्टिकोण से फोकस ' इंडिया ' से ' भारत ' यानी कृषि , ग्रामीण अर्थव्यवस्था , छोटे और मझोले उद्योग , असंगठित क्षेत्रों की ओर होना चाहिए। कम्युनिस्ट प्रयोग असफल हो चुका है। हालिया संकट ने पूंजीवादी व्यवस्था की खामियां उजागर कर दी हैं। हम वादा करते हैं कि हम भारत की जरूरतों के मुताबिक विकास का एक नायाब मॉडल इजाद करेंगे जो हमारी और हमारे जैसे विकासशील देशों की आकांक्षाओं की पूर्ति करेंगी। यूपीए सरकार जितना स्वीकार करती है उससे कहीं ज़्यादा देश की आर्थिक स्थिति दयनीय है और इससे भी बुरा दौर अभी आना बाकी है। बीजेपी यह मानती है कि हमें अपने मूल्यों , जरूरतों और जीवन के प्रति भारतीय दर्शन के अनुसार विकास का भारतीय मॉडल बनाना होगा। क्या चीन , सिंगापुर , तुर्की , रूस और दुनिया के कई देश विकास का अपना खालिस मॉडल नहीं बना रहे हैं जो उनकी स्थिति , दबाव , संसाधन और संस्कृति के मुताबिक हो। समय आ चुका है कि भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़े सभी कारक-केंद्र सरकार , राज्य सरकार , बिजनस कम्युनिटी , अर्थशास्त्री , पेशेवर , मास मीडिया-एक साथ आएं और अर्थव्यवस्था का एक ऐसे खाका तैयार करें जिसका जोर तो विकास पर हो , लेकिन जिसके बुनियाद में गरीबी उन्मूलन , बेहतर उत्पादकता के साथ रोजगार सृजन , समाज के हर तबके और हर इलाके का समान विकास जैसी बातें हों। एसोचैम , फिक्की और दूसरे बिजनस एसोसिएशन के अलावा थिंक टैंक्स से सलाह मशविरा कर विकास के भारतीय मॉडल का खाका तैयार करना बीजेपी का लक्ष्य है।
शिक्षा :
शिक्षा का लोकतंत्रीकरण ही सामाजिक और आर्थिक विकास के लोकतंत्रीकरण की कुंजी है। बीजेपी शिक्षा के क्षेत्र में स्वर्णिम बहुमुखी विकास के लिए यानी हमारे बच्चों और अगली युवा पीढ़ी को सुशिक्षित , स्वस्थ और समृद्ध भारत के लक्ष्य तक ले जाने के लिए एक नए रास्ते के निर्माण और एक समान विकास के लिए बीजेपी प्रतिबद्ध है , ताकि भारतीय युवाओं में रोज़गार बढ़े।
बीजेपी का मानना है कि शिक्षा के उन सभी क्षेत्रों पर ज्यादा ध्यान देना ज़रूरी है , जो इकॉनमिक ग्रोथ को समग्र रूप से लंबे समय तक बेहतरीन बनाने में सहायक हो। लाइसेंस कोटा राज को इकॉनमी के विभिन्न सेक्टरों से आंशिक या पूर्ण तौर पर बाहर किया जा सकता है। यह सिस्टम कुछ सेक्टरों में अब भी है , जैसे खासकर एजुकेशन सेक्टर में हायर और प्रफेशनल एजुकेशन को यह काफी नुकसान पहुंचा रही है। हाल ही में एक स्टडी हुई है जो यह बताती है कि हमारा एजुकेशन सिस्टम या तो राज्यों द्वारा जरूरत से ज्यादा नियंत्रित है या फिर निजी हाथों में है , जो प्रॉडक्टिविटी पर ज्यादा जोर नहीं देता और न ही इनका ध्यान गुणवत्ता पर है। जिसके चलते एजुकेशन सिस्टम में सुधार भी नहीं हो पा रहा है। बीजेपी का मानना है कि एजुकेशन सिस्टम को रेग्युलेट करने वाली संस्थाएं बहुत ज्यादा भ्रष्ट हैं , यहां लालफीताशाही बहुत ज्यादा है। बीजेपी एजुकेशन सिस्टम पर लगे इन सभी गैरजरूरी नियंत्रणों को खत्म करेगी। हम एजुकेशन सिस्टम में क्वॉलिटी लाएंगे और रेग्युलेटिरी बॉडीज को और अधिक जबावदेह बनाएंगे। बीजेपी इस बात को लेकर भी प्रतिबद्ध है कि हाल में आए एन्जीनियरिंग , मेडिसीन , मैनिजमन्ट , एग्रीकल्चर , वेटनरी साइंस आदि से संबंधित नए क्षेत्रों में हमारे देश के टैलंटेड लड़के लड़कियों को मौका मिलेगा। हायर और प्रफेशनल एजुकेशन को बेहतरीन बनाने के लिए बीजेपी स्कॉलरशिप की संख्या में बढ़ोतरी और आकर्षक एजुकेशनल लोन के लिए प्रयासरत रहेगी , ताकि कोई भी स्टूडंट अपनी इच्छा के मुताबिक शिक्षा पाने से वंचित न रहे।
इतना ही नहीं सभी स्टूडंट्स के लिए हायर एजुकेशन की ज़रूरत पर खास ध्यान दिया जाएगा। इसके तहत टीचर्स , प्रफेसर्स और हेल्थकेयर प्रफेशनल्स के लिए और भी अधिक ट्रेनिंग ज़रूरी है। अपनी सही विचारधारा और पॉलिसी के जरिए इंडिया में सबसे अधिक पढ़ेलिखे लोगों को तैयार किया जा सकता है और दुनिया के लिए भारत एक शिक्षक के रूप में उभर कर सामने आएगा।
.
ऊर्जा :
अपने देश में ही हाइड्रोकार्बन और उन रिन्यूएबल रिसोर्स से इसका पूरा फायदा उठाते हुए बीजेपी भारत के एनर्जी इंडिपेंडंसी के सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत में एनर्जी की ज़रूरत यहां बढ़ते जा रहे हमारे गैस और इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड के लिए भी ज़रूरी होगी। इस मामले में ग्रीन टेक्नॉलजी सबसे ज्यादा विकसित होने वाला क्षेत्र है और इंडस्ट्री में ग्लोबल लीडर के तौर पर इंडिया के पास टेक्नॉलॉजिकल रिसोर्सेस भी मौजूद हैं।
.
पर्यावरण :
बीजेपी का मानना है कि इकॉनमिक ग्रोथ सिर्फ किसी व्यक्ति या सोसायटी के किसी खास वर्ग के लिए ही नहीं होनी चाहिए , बल्कि इसका पर्यावरण के लिए भी संवेदनशील और सुरक्षित होना ज़रूरी है। इंडियन फिलॉसफी हमेशा से ही इंसान और पर्यावरण के आपसी तालमेल को मान्यता देती रही है। हाल के दशकों में , दुनिया भर में पर्यावरण की खराब होती स्थिति में बढ़ोतरी हुई है और इसके बाद एहसास हुआ कि विकास का वेस्टर्न मॉडल बिल्कुल भी इन्वाइरन्मंट - फ्रेंडली नहीं है। यहां भी बीजेपी ने प्रकृति के साथ विकास के लिए इंडियन मॉडल के विस्तार पर जोर दिया है।
.
अंतरराष्ट्रीय संबंध:
बीजेपी का मानना है कि बहुध्रुवीय दुनिया में भारत खुद एक अहम धुरी होगा। बीजेपी चाहती है कि सबके कल्याण के लिए काम करते हुए भारत दुनिया के अहम मामलों में अपने आकार और क्षमता के मुताबिक भूमिका अदा करे। हमारी पार्टी अमेरिका से बराबरी के आधार पर रणनीतिक साझेदारी के साथ-साथ दुनिया की सभी बड़ी ताकतों के साथ मजबूत संबंध और सहयोग की हिमायती है। हमने दबाव में झुकने की प्रवृत्ति को देखा है। इसकी वजहें अपनी अहमियत का एहसास न होने के साथ-साथ राष्ट्र के स्वाभिमान और संकल्प का बोध ना होना है। भारत जैसे विशाल और क्षमतावान देश को दुनिया के परिदृश्य पर अपना प्रभाव जरूर छोड़ना चाहिए। बीजेपी सभी देशों की सार्वभौमिकता का सम्मान चाहती है। हम किसी भी तरह के राजनीतिक और आर्थिक आधिपत्य को नकारने के साथ ही इसके प्रयासों का विरोध करने के लिए भी कृतसंकल्प हैं। संयुक्त राष्ट्र की वर्तमान व्यवस्था कुछ देशों के पक्ष में है और वह इसकी मदद से अपनो स्वार्थों को साध रहे हैं। बीजेपी इस बात की पूरी कोशिश करेगी कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बन जाए। संयुक्त राष्ट्र में सुधार के साथ ही बीजेपी भारतीय कूटनीति में इस तरह का बदलाव चाहती जिससे बाहर के देशों में हमारे आर्थिक , व्यावसायिक और दूसरे हितों की रक्षा हो। बीजेपी न्यूक्लियर रंगभेद का विरोध करती है और सीटीबीटी , एफएमसीआर और एमटीसीआर जैसी आधिपत्यवादी व्यवस्था को थोपने का विरोध करेगी। इसके साथ ही हम सभी देशों और संगठनों से मजबूत राजनीतिक और आर्थिक संबंध के पक्षधर हैं। हमारी पार्टी सभी पड़ोसी देशों के साथ बिना किसी मध्यस्थ के द्विपक्षीय संबंध को मजबूत करने का प्रयास करेगी। पाकिस्तान पर इस बात के लिए दबाव बनाएंगे कि सीमा पार आतंकवाद को सहयोग की नीति के जरिए भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बंद करे।
.
स्वास्थ्य सुविधाएं:
बीजेपी चाहती है कि सभी भारतीयों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिले। सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की साझेदारी से हम फायदा उठा सकते हैं। इससे अच्छी क्वालिटी की हेल्थ सर्विस के साथ-साथ नई तकनीक और विशेषज्ञता का भी लाभ होगा। हमारी पार्टी का यह भी मानना है कि कोई भी एक दल या समाज का समूह इस लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकता है। इन बीमारियों को भारतीय समाज से दूर करने के लिए सामूहिक राष्ट्रीय प्रयास की जरूरत है। संयुक्त राष्ट्र के मानव विकास सूचकांक के दो मापदंडों में हम काफी पीछे हैं। मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार ने अनूठी स्वास्थ्य योजनाओं जननी सुरक्षा , जननी एक्सप्रेस और मातृ शक्ति के जरिए काफी अच्छा काम किया है। इससे गर्भवती महिलाओं और नवजातों की मृत्यु दर में काफी कमी आई है। वर्ष 2004 में गर्भवती महिलाओं की मृ्त्य दर 498 ( प्रति एक लाख पर) और नवजात की मृत्यु दर 76 ( प्रति एक हजार पर) थी , जो अब घटकर क्रमश: 354 और 66 रह गई है। हमारी पार्टी केंद्र में सत्ता में आई तो देशभर में ऐसी स्वास्थ्य योजनाओं को लागू किया जाएगा।
.
इन्फ्रास्ट्रक्चर और लोक निर्माण:
देश के आर्थिक विकास के लिए बीजेपी की सरकार भारी निवेश करेगी। इसके आभाव में बेरोजगारी की समस्या और विकराल हो जाएगी , खासकर असंगठित क्षेत्र में। बीजेपी विकास के भारतीय मॉडल का खाका तैयार करेगी। हम गांवों में इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए वचनबद्ध हैं। सभी गांवों तक बिजली पहुंचाने के अलावा उन्हें सभी मौसमों में चालू रह सकने वाली सड़कों , सिंचाई योजनाओं और रेलवे से जोड़ना चाहते हैं। तेजी से विकास के लिए इन सभी कदमों को उठाया जाना आवश्यक है। इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए सही नियामक तंत्र , टेंडर की साफ-सुथरी प्रक्रिया , एकल खिड़की योजना और निवेश पर सही लाभ मिलना जरूरी है।बीजेपी गुजरात सरकार की ज्योतिग्राम योजना की तर्ज पर पूरे देश में स्कीम लागू करेगी। इसके जरिए गुजरात में हजारों छात्रों को पढ़ाई की बेहतर सुविधा तो मिली ही है , गांवों में रोजगार और पैसा कमाने के नए अवसर भी पैदा हुए हैं।गुजरात सरकार ने हाल ही में राज्य के सभी गांवों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने की योजना का ऐलान किया है।
गरीबी : लोकतांत्रिक सरकार अपने इस कर्तव्य से बिल्कुल नहीं बच सकती कि आर्थिक वृद्धि को उन सामाजिक वर्गों तक पहुंचाया जाए, जहां इसकी सही जरूरत है, ताकि भारत के मूलमंत्र बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय को हासिल किया जा सके। बीजेपी महात्मा गांधी और पंडित दीन दयाल उपाध्याय की अंत्योदय यानी समाज के आखिरी व्यक्ति के विकास की अवधारणा में विश्वास करती है। वोट बैंक की राजनीति के लिए यूपीए सरकार ने केंद्रीय बजट को भी सांप्रदायिक रंग दे दिया है। आर्थिक स्रोतों का बंटवारा पिछड़ेपन और गरीबी के बजाय धर्म के आधार पर किया गया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि इस देश के स्रोतों पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। यह सीधे-सीधे धर्मनिरपेक्षता पर हमला है। साइंस और टेक्नॉलजी : साइंस और टेक्नॉलजी, खासतौर पर इन्फॉरमेशन टेक्नॉलजी देश के आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाती है। यह मानव संसाधन की रचनात्मक योग्यता को बढ़ावा देने का जरिया है। जैसा कि कहा गया है कि इन्फॉरमेशन टेक्नॉलजी ‘ दूरी की मौत ’ के लिए जिम्मेदार है। यह महाद्वीपों, देशों और शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच के अंतर को मिटा रही है। बीजेपी मानती है कि इन्फॉमेशन टेक्नॉलजी का इस्तेमाल भारतीय समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए किया जा सकता है। इसलिए विकास के लिए बीजेपी के भारतीय मॉडल के ब्लू प्रिंट में यह बात शामिल है कि आईटी को किस तरह हर गांव और इकॉनमी के हर सेक्टर तक पहुंचाया जाए। खासतौर पर बीजेपी इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल इस तरह किया जाए कि सभी विकास और कल्याण योजनाओं के लाभ जरूरतमंदों तक सौ फीसदी पहुंच सके और इस यात्रा में लाभ कहीं इधर-उधर न छिटके। टेक्नॉलजी ने नौजवानों के जीने का तरीका बदल दिया है। अब उनके पास ऑर्कुट और फेसबुक जैसी अपनी वर्चुअल कम्यूनिटीज़ हैं। युवा हमेशा इनोवेटिव और क्रिएटिव होते हैं। उनके इन गुणों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। बीजेपी इसके लिए प्रतिबद्ध है। इस पुरानी कहावत को समझते हुए कि भलाई घर से शुरू होती है, बीजेपी ने देश की सबसे हाई-टेक राजनीतिक पार्टी बनने का मकसद बनाया और फ्री ऐंड ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर ( FOSS ) का इस्तेमाल शुरू किया। बीजेपी की योजना है कि इसके सभी हेडक्वॉर्टर्स में वाई-फाई, राष्ट्रीय आईपी विडियो टेलिफोन और एकीकृत मेसिजिंग नेटवर्क उपलब्ध हो, ताकि खर्च को कम किया जा सके। इसके अलावा, फैक्स, वॉइस मेल और ईमेल के इंटीग्रेशन के जरिए बीजेपी नेता अपने दूरदराज स्थित दफ्तरों तक भी संदेश भिजवा सकेंगे। बीजेपी देश की ऐसी पहली पार्टी बनना चाहती है जिसके विभिन्न हेडक्वॉर्टर्स और राज्य इकाइयों के बीच करीब 100 सर्वर्स और 36 आधिकारिक वेबसाइट्स के जरिए वेब कनेक्टिविटी हो। बीजेपी अपने सदस्यों और संभावित वोटरों को मॉडर्न इमेज देकर राजनीति को डिजिटल युग में ले जाना चाहती है। युवाओं से संपर्क साधने के लिए वेब काफी असरदार माध्यम है, इसलिए आ़डवाणी जी ने इसका इस्तेमाल करने का फैसला किया। बीजेपी प्रेजिडंट राजनाथ सिंह कहते हैं कि प्रथम पंक्ति के लोगों से नेताओं तक पक्षपातरहित और बिना काटछांट के फीडबैक पहुंचनी जरूरी है और मुझे उम्मीद है कि कम्यूनिकेशन के मॉडर्न साधन इसमें मदद करेंगे।
.
आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा :
आतंकवादियों ने देश के विभिन्न हिस्सों में जब चाहे अपनी गतिविधियों को अंजाम दिया है। साफ जाहिर है कि देश की सुरक्षा से समझौता किया गया है। इसलिए आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है और आने वाले लोकसभा चुनाव में हमारा मुख्य मुद्दा है। मुंबई आतंकी हमले कांग्रेस के शासन की असफलता और आतंकवाद से लड़ने में इसकी अयोग्यता के ही उदाहरण हैं। बीजेपी आतंकवाद से लड़ने के लिए कड़े से कड़े कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।
ट्रांसपोर्टेशन :
बीजेपी का मानना है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमंट के जरिए अवसरों को बढ़ाया भी जा सकता है और अवसरों का समान व लोकतांत्रिक वितरण भी हो सकता है। वाजपेयी सरकार की गोल्डन क्वॉड्रिलेटरल या प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत पक्की ग्रामीण सड़क योजना इसी मकसद को हासिल करने की कोशिश थी। इन योजनाओं ने इकॉनमी के छोटे और बड़े हर सेक्टर में विकास के नए रास्ते खोले। इससे कॉरपोरेट और अन्य सेक्टरों के विकास में मदद मिली। सबसे बढ़कर, इन योजनाओं ने आर्थिक लोकतंत्र को बढ़ावा दिया, जिसे यूपीए सरकार भी नहीं रोक सकी।